हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तहज़ीबुल बलाग़ा " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैं।
: امیرالمؤمنين عليه السلام
عَلَیکُم بِصَلاةِ اللَّیلِ؛ فَإِنَّها سُنَّةُ نَبِیِّکُم، و دَأبُ الصّالِحینَ قَبلَکُم، و مَطرَدَةُ الدّاءِ عَنِ أجسادِکُم
हजरत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अपने ऊपर नमाज़े तहज्जुद को लाज़िम कार दो, इसलिए कि यह नमाज़ तुम्हारे नबी रसूल अल्लाह स.ल.व.व. की सुन्नत अच्छे लोगों का तरीका और तुम्हारे बदन से दु:ख और बीमारी को दूर करने वाली हैं।
तहज़ीबुल बलाग़ा,भाग 2,पेज 120,हदीस नं 453